श्रावस्ती:जनपद के तहसील जमुनहा में आयोजित सम्पूर्ण समाधान दिवस के दौरान फरियादियों की शिकायत सुन रही जिलाधिकारी के सामने एक बौने दम्पति ने हाजिर होकर अपनी व्यथा बताते हुए एक अदद आवास व शौचालय के लिए प्रार्थना पत्र देकर मदद की गुहार लगाई।
एक ओर सरकार द्वारा गरीबों को छत मुहैया कराने के लिए प्रधानमंत्री आवास योजना चलायी जा रही है। वहीं दूसरी ओर कुछ ऐसे भी गरीब हैं, जिन्हें आवेदन के बावजूद आवास नहीं मिल सका है। श्रावस्ती के ब्लॉक जमुनहा क्षेत्र के निवासी बौने दंपति भी इन्हीं हालातों में जिंदगी गुजर बसर कर रहे हैं।
ग्राम पंचायत हरदत्त नगर गिरन्ट के मजरा केवटन पुरवा में रहने वाले दिव्यांग दंपति राजमन व उनकी पत्नी को बरसात व ठंड की रात मिट्टी और फूस के बने पुराने घर में गुजारनी पड़ रही है। जिनमे बरसात से बचने के छप्पर पर पॉलीथिन का सहारा लेना पड़ता है दिव्यांग ने लोहिया आवास से लेकर प्रधानमंत्री आवास के लिए कई बार आवेदन किया, पर अभी तक उसे सरकारी आवास नहीं मिल सकी है।
गाँव की एक संकरी सी गली मे उनका एक झोपड़ीनुमा घर है। दंपति गर्मी, बरसात, ठंड के मौसम में वर्षों से अपना जीवन बिता रहा है। पति बौने होने के बावजूद मेहनत मजदूरी करके अपने परिवार का भरण पोषण कर रहा है।
प्रधानमंत्री आवास योजना के शुरू होते ही उनको अपने लिए आवास की उम्मीद जगी। इसी आशा को लेकर राजमन ने आवास के लिए आवेदन किया। जब कई महीनों तक कोई भी कार्यवाही नही हुई तो उन्होंने फिर से आवेदन किया। करीब साल भर बीत जाने के बाद अन्य लोगों के आवेदनों पर कार्यवाही होने लगी, लेकिन राजमन को एक भी किश्त नहीं मिली। कई बार अधिकारियों के चक्कर लगाए, पर कोई बात नहीं बनी। इससे थक हारकर राजमन घर पर बैठ गया है। राजमन का कहना है कि उसने प्रधानमंत्री आवास योजना के लिए कई बार फॉर्म भरा और जिम्मेदार अधिकारियों को प्रार्थना पत्र भी दिया है लेकिन अब तक उसे कोई आवास नहीं मिला है
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